A Poem from Within
मन में उलझनें गहरी हैं, रिश्तों की जंजीरें मुझे घेरती हैं। कभी-कभी ऐसा लगता है, क्यों मैं इस दौर से गुजर रहा हूँ? कभी लगता है, सब कुछ छोड़ दूं, नये रास्ते पर शांति की तलाश करूं। पर अंधेरे में भी आशा की एक किरण, नई दिशा दिखाती है, फिर से चल पड़ने की राह। There are deep confusions in my mind, The chains of relationships surround me. Sometimes I feel, Why am I going through this phase? Sometimes I feel, I should leave everything, Search for peace on a new path. But even in the darkness, a ray of hope, Shows a new direction, the path to start again.